Wednesday 4 April 2018

Munnar travelogue

 Travel Date-13th September 2017
            मुन्नार, एक ऐसी जगह जिसे स्वप्निल संसार कह सकते हैं या ये कहे यहाँ जा कर दिवा स्वप्नों में खो सकते है!! होटल पहुंच कर सामने से नीला चमकता हुआ आसमान दिख रहा है, जिसके नीले रंग की उपमा किस से दी जाए ये सोचना बड़ा ही मुश्किल काम है!! उस पर कहीं कहीं छिटके हुए सफेद मेघ जो अपनी चहल कदमी से उस विस्तृत नील गगन की रौनक में चार चांद लगा रहे हैं!! ये तो रहा आसमान का नजारा जिससे नजर हट ही नही रही है पर अगर एक बार गलती से निगाहें झुक गयी तो फिर वो उठना भूल जाएंगी!! अब सोच रहे होंगे ऐसा क्या हो गया!! जी हुजूर जितना भव्य आसमान है उतने ही सुंदर पहाड़ है!! दूर तक निगाहों में बसते हुए पहाड़ और उन पर करीने से सजे हुए चाय बागान!! चहुं ओर गजब की हरीतिमा छिटकी हुई है!! उस पर कहीं कहीं पेड़ो पर लाल रंग के फूल !! वाह, क्या नजारा है, यहाँ आने वाला ये कहे बिना रह नही सकता!!

Monday 2 April 2018

Road cum train trip to Munnar

          अब तक आपने पढ़ा मुन्नार के दर्शनीय स्थलों के बारे में!! इस पोस्ट में आपको ले चलते हैं वहाँ की यात्रा पर!! बेस स्टेशन हमेशा की तरह अपना प्यारा बैंगलोर है!!यूँ तो जाने के कई तरीके हैं अपनी कार से भी जा सकते हैं पर इस बार मन रोड ट्रिप का ना हो कर कोचीन तक ट्रेन से जाने का है!! हर बार कुछ अलग तरह के अनुभव होने चाहिए ना!! अब बाहर तो हम जाते ही नयेपन के लिए हैं!!

Monday 26 March 2018

Munnar: The Heaven

           समर वेकेशन आते आते बच्चों के साथ साथ बड़ों के मन मे ये सवाल उमड़ घुमड़ कर आने लगता है कि अबकी बार कौन से हिल स्टेशन के द्वार!! अपने भारत मे तो ना जाने कितने ऐसे शहर हैं जहां जा कर झुलसाने वाली गर्मियों से बचते हुये सुकून से चंद दिन गुजारे जा सकते हैं!! हिल स्टेशन का नाम ले तो समझ ही नही आता कहाँ से शुरू किया जाये!! बहुत सी जगहों के नाम तो आप इस ब्लॉग के जरिये जान ही गये होंगे!! पहाड़ में घर होने के कारण पहाड़ो के साथ चोली दामन का साथ रहा है मेरा!! कभी उत्तर भारत की हिमालय श्रंखला में मन रमा रहता था तो अब बैंगलोर में दाना पानी होने से पश्चिमी घाट अपना सा लगता है!!


Monday 12 February 2018

Kotilingeshwar Temple,Kolar

                        कोटिलिंगेश्वर जहाँ महाकाल विराजते हैं अपने महा विशाल रूप में   
              कोटिलिंगेश्वर, एक ऐसी जगह जहां भोले भंडारी एक सौ आठ फ़ीट के विशाल अवतार में विराजमान हैं। वैसे तो भारत मे महादेव के अनेक मंदिर हैं और हर मंदिर में वो एक अलग रूप में धूनी रमाते हैं पर कर्नाटक के कोलार जिले में एक ऐसा मंदिर है जहाँ कदम रखते ही अपार शिव शक्ति का आभास दूर से ही हो जाता है।
            बंगलोर से सत्तर किलोमीटर दूर कोलार, वो ही कोलार जिसे सब सोने की खानों के लिए जानते हैं अपने आप मे एक बहुत बड़ा आश्चर्य समेटे हुये है। यहाँ पर एक ऐसा मंदिर है जिसमे दुनिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग जिसकी ऊंचाई एक सौ आठ फ़ीट है। इसके अतिरिक्त यहाँ पर छोटे बड़े सब शिवलिंगों की अगर गिनती कर ले तो वो करीबन एक करोड़ निकलेंगे। एक करोड़ शिवलिंग होने के कारण ही इसे कोटिलिंगेश्वर के नाम से जाना जाता है।

Monday 13 November 2017

Dhauli Shanti Stupa and Pipli

             यूँ तो सूरज की किरणें हर रोज एक नये सवेरे की चमक दमक से इस धरा को सराबोर करती हैं लेकिन ये सुबह तो कुछ अलग ही लग रही हैं। सारा का सारा शहर आध्यात्म के रंग में रंगा हुआ और सब लोग आध्यात्मिक रस से ओतप्रोत लग रहे हैं!! ऐसा होना स्वाभाविक ही है , अब उड़ीसा की राजधानी भुबनेश्वर आ कर ये अनुभूति ना हो तो और कहाँ होगी!! हमारे होटल में सुबह सात बजे से कॉम्प्लिमेंट्री ब्रेकफास्ट मिलना शुरू हो रहा है तो जल्दी जल्दी तैयार हो कर रेस्तरां ही पहुँच जाते हैं !! आज जल्दी जल्दी करना थोड़ा जरुरी भी है क्यूंकि आज के दिन में बहुत कुछ देखना है और बहुत कुछ जानना भी है अगर यहीं से देर कर दी तो अपनी देखने वाली जगहें छूट जाएँगी !! ये शायद घुमक्क्ड़ी का कीड़ा ही है जो एक बार किसी को काट ले तो फिर फिर वो बेचारा कहीं चैन से नहीं रह सकता !! बेचारे का दिन का चैन और रात की नींद तो गायब  होनी तय है !! ये ही लाइलाज बीमारी अपने को भी लग गयी है तो बस अब तो जिंदगी इसके साथ निकलनी है !!

Monday 6 November 2017

Nandan Kanan Zoo,Odisha

          बड़ी गरम जगह है यार ये उड़ीसा!! जनवरी के महीने में ये चिलचिलाती धूप और चिपचिपी वाला पसीना होता है तो ना जाने गर्मियों में क्या हाल होता होगा!! उस पर उदयगिरि की सीढ़ियों में चढ़ाना ये तो वो ही हाल हुआ करेला उस पर नीम चढ़ा हुआ!! अरे अब मैं ये सब क्यों सोच रही हूं अब तो हम लगभग इन सीढ़ियों से उतर कर सड़क पर ही आ पहुंचे हैं!! नारियल पानी वाले दिख रहे हैं पास में ही, एक एक नारियल ले कर थोड़ा गला तर कर लेते हैं और धूप से बचने को गाड़ी में ही जा के बैठ जाते हैं!! अब तो मन कर रहा किसी छांव वाली जगह बैठकर आराम मिल जाये तो अब चलते हैं वृक्षों से आच्छादित और वन्य जीवों के आवास नंदन कानन!! नारियल पानी पीते पीते अब हम सड़क पर चलते जा रहे हैं और वाइट टाइगर से साक्षात्कार की उम्मीद लिए नंदन कानन जो कि यहां से अट्ठारह किलोमीटर दूर है उसकी तरफ आगे बढ़ते जा रहे हैं!! बहुत नाम सुना है इसका जहाँ ये दिखता है वो दिखता ना जाने क्या क्या!! मुझे तो नाम भी याद नही रहते अब क्या कहूँ!! खैर बाते तो होती ही रहेगी अब एक छोटा सा परिचय दे देते हैं!!

Tuesday 26 September 2017

Syahi Devi Shitlakhet, Almora

              नवरात्रि के पांच दिन गुजर गये और मैं आज तक आपको किसी भी माता रानी के दर्शन कराने नहीं ले गयी। अब तो मुझे खुद भी लग रहा है ,बेटा बहुत अलसा लिये !! डांडिया गरबा में इतना रमना भी ठीक नहीं !! कम से कम इन नौ दिनों में से एक दिन तो किसी मंदिर को याद कर ले!! जा नही सके तो फोटो ही देख लो और बाकियों को भी दिखा तो !! तो चलिये आज अपना आलस छोड़ कर आपको ले चलते हैं माता के दरबार में !!देवी माँ के नौ रूप हैं और अलग अलग जगह वो अलग अलग रूप में विराजती हैं कहीं देवी भगवती  के रूप में तो कहीं माँ कालिका के रूप में!! देवों की नगरी यानिकि देवभूमि उत्तराखंड में बसने वाली स्याही देवी के सानिध्य में।